दैनिक मन्ना

हे मेरी प्रिय तू सुन्दर है, तू सुन्दर है! तेरी आंखें तेरी लटों के बीच में कबूतरों की सी दिखाई देती है। तेरे बाल उन बकरियों के झुण्ड के समान हैं जो गिलाद पहाड़ के ढाल पर लेटी हुई हों।

श्रेष्‍ठगीत 4:1